प्रधानमंत्री करेंगे महाराज सुहेलदेव के स्मारक का शिलान्यास

लखनऊ। प्रधानमंत्री मोदी 16 फरवरी को महाराजा सुहेलदेव की जयंती के अवसर बहराइच में उनके भव्य स्मारक का वर्चुअल शिलान्यास करेंगे। इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मंत्री अनिल राजभर के अलावा राजभर समाज के नेता मौजूद रहेंगे।

वहां एक संग्रहालय बनाने की भी योजना है, जिसमें महाराजा सुहेलदेव से जुड़ी ऐतिहासिक जानकारियां रहेंगी। महाराजा सुहलदेव जयंती के अवसर पर प्रदेश भर में कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन मुकेश कुमार मेश्राम के अनुसार महाराजा सुहलदेव शौर्य के पराक्रम को प्रदर्शित करने वाले की इतिहास के गर्त में छिपे महानायकों जिन्होंने भारत की संस्कृति की रक्षा में योगदान दिया है, उससे युवा पीढ़ी को अवगत कराना अनिवार्य हो। इसी कारण ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन हो किया जा है।

चौरीचौरा के शताब्दी वर्ष चल रहा है, इसके अर्न्तगत इतिहास में छिपे योद्धाओं को स्थापित करने की पहल हो रही है।

इसी क्रम 16 फरवरी को सभी शहीदी स्थलों पर पुष्पाजंलि सभा का आयोजन किया जायेगा। जिनमें सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक, जनप्रतिनिधियों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और शहीदों के परिवारीजनों के अलावा एनएसएस, एनसीसी, सिविल डिफेंस, स्काउट गाइड, समाजसेवी और स्वयंसेवी संस्थाओं के वालंटियर्स व गणमान्य नागरिकों को आमंत्रित किया जाएगा।

प्रदेश के सभी जिलों में शहीद स्थलों व स्मारकों पर पुलिस का बैंड राष्ट्रधुन तथा राष्ट्रभक्ति गीतों की धुनें बजेंगी। यह कार्यक्रम सभी स्थलों पर शाम 6.30 बजे दीप प्रज्‍जवलन के साथ शुरू होगा।

महाराजा सुहलदेव के बारे में इतिहासकारों के अनुसार यह वाकया करीब 1000 साल पुराना है। इतिहास को यू टर्न देने वाली यह घटना बहराइच में हुई थी। यह स्वाभिमान और राष्ट्रभक्ति के साथ—साथ वीरता की दास्तान है। 15 जून 1033 को श्रावस्ती के महाराजा सुहेलदेव और आक्रांता सैयद सालार मसूद के बीच बहराइच के चित्तौरा झील के तट पर भयंकर युद्ध लड़ा गया था। युद्ध में महाराजा सुहेलदेव की सेना ने सालार मसूद की सेना को गाजर-मूली की तरह काट दिया था।

महाराजा सुहेलदेव की तलवार के एक ही वार ने मसूद का काम भी तमाम हो गया था। इससे युद्ध की अंदाजा लग सकता है कि यह युद्ध कितना भयंकर होगा, जिसमेंमसूद की पूरी सेना का सफाया हो गया था।

इतिहास के पन्नों में ने महाराजा सुहेलदेव के पराक्रम भले ही धूंधली पड़ गयी हैं, पर स्थानीय लोकगीतों की परंपरा में महाराज सुहेलदेव की वीरगाथा लोगों के दिलो—दिमाग में ताजा बनी हुई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस पहल पर पहली बार महाराजा सुहेलदेव की जयंती पर उनके पराक्रम और राष्ट्रसेवा भाव को इतने बड़े पैमाने पर आयोजन किया जा रहा है।

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