तन मन और आत्मा की शुद्धता का नाम ही योग है: डॉ. गोपाल

राज्य

नई दिल्ली। तन मन और आत्मा की शुद्धता का नाम ही योग है, योग जिसका अर्थ ही जोड़ना है।

वैसे तो योग भारत की देन है लेकिन पिछले कुछ वर्षो से पुरे विश्व ने इसे जिस आत्मीयता से अपनाया है।

अपनी जीवन शैली का हिस्सा बनाया है वो बहुत ही सराहनीय है।

योग न सिर्फ हमें शरीर को स्वस्थ रखना सिखाता है बल्कि हमारी आत्मा को शुद्धता देता है क्योंकि शुद्ध शरीर में ही शुद्ध आत्मा का वास होता है।

यह कहना था ग्लोबल योग अलायन्स के प्रेजिडेंट डॉ. गोपाल का, जिनकी पुस्तक ‘ बूस्टिंग इम्युनिटी – द होलिस्टिक वे ‘ का विमोचन एएएफटी यूनिवर्सिटी की चांसलर डॉ. संदीप मारवाह, गुजरात के पूर्व गृहमंत्री महेंद्र भाई त्रिवेदी, पोपुलर ग्रुप ऑफ़ कंपनीज के चेयरमैन सुधीर गोकरन ने इंटरनेशनल युथ हॉस्टल दिल्ली में किया गया।

प्रकाशक है पोपुलर ग्रुप ऑफ़ कंपनीज के चेयरमैन सुधीर गोकरन, जिन्होंने कहा कि अभी तक ज्यादातर हम लोग अन्य विषयों की पुस्तकों पर ध्यान देते थे लेकिन अब हमने योग पर अपना ध्यान लगाया है और हम चाहते है की बच्चे इसे पढ़े ओस इसका अनुसरण करे।

इस अवसर पर महेंद्र भाई त्रिवेदी ने कहा कि योग हमें सुख दुःख में सामान रहना सिखाता है और मानसिक द्वंद्व को खत्म करता है।

डॉ. संदीप मारवाह ने कहा कि योग ने पिछले कुछ वर्षो में जो प्रसिद्धि पायी है उससे पूरा विश्व हमारे आगे नतमस्तक हो गया है।

खासकर कोरोना काल में और सबसे अच्छी बात है की युवाओं का भी इस तरफ ध्यान गया है सिर्फ शरीर को स्वस्थ रखने के लिए नहीं बल्कि रोज़गार के लिए भी।

कार्यक्रम के अंत में पहले ऑनलाइन कोवोकेशन योग सर्टिफिकेशन कोर्स 2020-21 के छात्रों को प्रमाणपत्र दिए गए।

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments