चोरी हुए मोबाइल फोन को करें ब्लॉक और ट्रैक, सरकार ने लॉन्च किया एक खास वेब पोर्टल
आज कल दिन—प्रतिदिन बढ़ रहे क्राइम और ऑनलाइन फ्रॉड के कारण मोबाइल फोन खोना किसी को भी बड़ी परेशानी में डाल सकता है। सरकार ने ऐसी परेशानियों से निपटने के लिए एक वेब पोर्टल लॉन्च किया है, जिससे चोरी या खोए हुए मोबाइल फोन को ढूंढने में मदद मिलेगी। संचार एवं सूचना प्रोद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यूजर्स के लिए इस पोर्टल को लॉन्च किया है। फिलहाल इस पोर्टल का लाभ दिल्ली-एनसीआर और मुंबई के लोग उठा सकेंगे।
सितंबर से चल रही थी टेस्टिंग
इस वेब पोर्टल को सेंटर फॉर डिवेलपमेंट ऑफ टेलिमैटिक्स ने तैयार किया है। इस वेब पोर्टल डिवेलप करने में दिल्ली पुलिस और डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम ने भी सीडीओटी की मदद से तैयार किया गया है। इस प्रॉजेक्ट की टेस्टिंग इसी साल सितंबर में शुरू हो गयी थी। आइए जानते हैं कि कैसे आप इस पोर्टल के इस्तेमाल से अपने खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन को ढूढ सकते हैे।
जानें कैसे ढूंढ सकते हैं गुम हुए मोबाइल फोन
- सबसे पहले अपने मोबाइल फोन के चोरी या खोने की शिकायत अपने नजदीकी थाने में दर्ज कराएं।
- नंबर ब्लॉक कराने के बाद एफआईआर की कॉपी और आईडी प्रूफ के साथ नए सिम कार्ड के लिए आवेदन करें।
- अब फोन के आईएमईआई नंबर को ब्लॉक कराने के लिए ‘सीईआईआर डॉट जीओवी डॉट इन’ पर जाएं।
-इस बेव पोर्टल पर आपको रजिस्ट्रेशन फॉर्म को भरना होगा। - इसके बाद आपको एक रिक्वेस्ट आईडी मिलेगी।
- इस रिक्वेस्ट आईडी का इस्तेमाल आप अपने मोबाइल फोन को ट्रैक करने के लिए कर सकते हैं।
- मोबाइल फोन मिलने पर आप ब्लॉक किए गए आईएमईआई को अनब्लॉक कर फिर से अपने मोबाइल फोन को इस्तेमाल कर सकते हैं ।
टेलिकॉम कंपनी डेटा शेयर करते हैं
गुम या चोरी हुए मोबाइल फोन को खोजने के लिए सेंट्रल आइडेंटिटी रजिस्ट्री सिस्टम तैयार किया गया है। जिसका खास बात यह है कि देश के सभी ऑपरेटर्स के आईएमईआई डेटा बेस से कनेक्टेड होता है। टेलिकॉम ऑपरेटर सीआईआर में अपने नेटवर्क से जुड़े सभी यूजर्स के मोबाइल फोन का डेटा शेयर करते हैं ताकि गुम या खोने की स्थिित में किसी दूसरे नेटवर्क पर इसका गलत इस्तेमाल न हो सके।
क्लोनिंग पर लगेगी रोक
सभी मोबाइल में उनकी पहचान के लिए एक यूनीक आईएमईआई एक नंबर होता है। यह नंबर रिप्रोग्रामेबल (बदलाव किए जा सकता है) होता है, जिसकी वजह से चोरी करने वाले जालसाज इसे रिप्रोग्राम कर देते हैं। इसके चलते आईएमईआई की क्लोनिंग हो जाती है और एक ही आईएमईआई नंबर पर कई फोन इस्तेमाल कर लिए जाते हैं। टेलिकम्युनिकेशन्स डिपार्टमेंट के मुताबिक, आज की तारीख में क्लोन/डूप्टिकेट आईएमईआई हैंडसेट के कई मामले सामने आते हैं।
अगर ऐसे आईएमईआई नंबर ब्लॉक कर दिए जाएं, तो जिनका मोबाइल चोरी हुआ है, उन्हें परेशान होना पड़ेगा। इस वजह से डुप्लिकेट और फेक आईएमईआई वाले फोन से छुटकारा पाने की जरूरत है। इसी समस्या के लिए इस पोर्टल को शुरू किया गया है जिससे आवश्यक आम मोबाइल उपभोक्ता को मदद मिलेगी।