गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन उजड़ने के बाद फिर से फिर से हुआ खड़ा

राज्य

गाजियाबाद/सवांददाता। 26 जनवरी को घटित घटना के बाद किसान आंदोलन पूरी तरह से उधर सा गया था जहां प्रशासन ने आंदोलन को समेटने की तैयारी कर दी थी वही राकेश टिकैत के आंसुओं ने फिर से किसानों का जनसैलाब खड़ा कर दियावहीं 26 जनवरी को जो आंदोलन में घटा वे काफी निंदनीय था और जांच का विषय है की आखिर उस पवित्र दिन को ऐसे शर्मनाक कार्य करने वाले कौन इंसान थे कौन-कौन इसमें सम्मिलित था और जल्द ही ऐसे लोगों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो अब देखना होगा कि प्रशासन ऐसे लोगों को कब तक सीमित करता है वैसे तो दिल्ली के कई थानों में 33 के आसपास एफ आई आर दर्जजिनमें से कई किसान नेता भी है और उनमें से एक है राकेश टिकैत।

क्योंकि उस आंदोलन की जिम्मेदारी इन्हीं नेताओं के सिर पर थी इन्हीं सब ने उन सब किसानों की जिम्मेदारी और ट्रैक्टर परेड की जिम्मेदारी अपने सर ली थी वैसे तो यह सब कार्यवाही में चल ही रहा है वही पिछले दो दिनों में राकेश टिकैत के भाई आंसुओं के बाद किसानों का जमावड़ा यूपी बॉर्डर पर फिर से जलने लगा वहीं रविवार को मोदीनगर से आए प्रधान कृष्ण पाल के नेतृत्व में किसानों के एक गुट ने बूंदी के लड्डू सभी किसानों में बांटे और कहा कि पश्चिम उत्तर प्रदेश के सभी किसान राकेश टिकैत के साथ है और किसान अपनी मांगों को लेकर अंत तक खड़ा रहेगा।

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments