खिलाड़ी, प्रशिक्षकों और शारीरिक शिक्षकों को डोपिंग पर किया गया जागरूक

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नई दिल्ली : फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया (PEFI) और फुटबॉल दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) के सहयोग से देश में डोपिंग के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता बढाने के लिए एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में नाडा के डोप कण्ट्रोल ऑफिसर डॉ. पंकज वत्स ने सभी प्रतिभागियों को वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) और नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी नाडा की कार्यप्रड़ाली और शरीर पर डोपिंग के पड़ने वाले दुष्प्रभावों को बताया. उन्होंने विस्तार से डोपिंग के लिए प्रतिबंधित दवाइयों और उनके सेवन पर नाडा के द्वारा लगाए जाने वाले प्रतिबंधो पर चर्चा की।

नाडा के प्रोजेक्ट ऑफिसर डॉ. अंकुश गुप्ता (Dr. Ankush Gupta) ने सभी प्रतिभागियों के सवालों का उत्तर देते हुए भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम नाडा के सहयोग से करने के लिए पूरे देश के कॉलेज और स्कूल के खिलाड़ियों को आमंत्रित किया। इस अवसर पर पेफी के राष्ट्रीय सचिव डॉ. पियूष जैन (Dr. Piyush Jain) ने बताया की भारत जैसे देश में खिलाड़ी अनजाने में प्रतिबंधित दवाओं का सेवन कर ना सिर्फ अपनी सेहत से खिलवाड़ करता है वल्कि नाडा के प्रतिबन्ध का भी सामना करता है जिसके फलस्वरूप उसका कैरियर भी तबाह हो जाता है। आज देश में निचले स्तर से ही जागरूकता कार्यक्रम चलाये जाने की जरूरत है और पेफी, नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी के सहयोग से इस तरह के कार्यक्रम लगातार आयोजित कर रही है। फूटबाल दिल्ली के महासचिव आकाश नरूला (Akash Narula) ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा की फुटबॉल दिल्ली भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम नियमित रूप से फूटबाल खिलाड़ियों और कोचेस के लिए आयोजित करेगी।

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