किसान ट्रेक्टर परेड निकालने पर दृढ़

राज्य

सिरसा (हरियाणा)। किसान यूनियनों के नेताओं का कहना है कि जब तक सरकार तीनों विवादास्पद काले कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है किसान अपने निर्णय पर दृढ रहेंगे और गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को देश की राजधानी दिल्ली में ट्रेक्टर परेड निकालेंगे। नेताओं ने कहा कि उनका आंदोलन और परेड का आयोजन भी शान्तिपूर्ण होगा। नेताओं ने कहा कि परंपरागत आधिकारिक परेड में कोई बाधा नहीं पहुंचायी जायेगी।
नेताओं ने आगे कहा कि ट्रेक्टर परेड का मकसद किसानों की समस्याओं और सरकार की किसानों और तमाम कृषि क्षेत्र के प्रति निर्दयता को उजागर करना है। सरकार ने किसी भी शक को दूर करके यह सि( कर दिया है कि यह एक कारपोरेट और बहु राष्ट्रीय निगम और ठीक उसी प्रकार किसान विरोधी सरकार है। यहां तक कि वह आंदोलन को बाधित करने के लिए एनआईए के इस्तेमाल की हद तक चली गयी है।
जबकि हरियणा के कुछ गांवों में ग्रामीण महिलाएं राष्ट्रीय राजधानी में ट्रेक्टर परेड में शामिल होने के लिए ट्रेक्टर चलाना सीख रहीं हैं। जिंद के तीन गांवों सफा खेडी, खटकर, पालवान की महिलाएं ट्रेक्टर की स्टेयरिंग घूमाना सीख रहीं हैं। जिंद आधारित किसान एकता महिला मंच की अध्यक्ष सिकिम नैन शियोकांत ने फोन पर बताया कि करीब 200 महिलाओं को ट्रेक्टर चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा, यद्यपि कुछ महिलाएं खेत में ट्रेक्टर चला सकती हैं परंतु उन्हें सडक पर ट्रेक्टर चलाने का अनुभव नहीं है। हम चाहते हैं कि वे महिलाएं बगैर किसी की सहायता के 26 जनवरी को हाइवे पर ट्रेक्टर चलायें। कईं गा्रव वाले उन्हें अपने ट्रेक्टर दे रहे हैं और प्रशिक्षण भी दे रहे हैं।
महिलाओं ने जिंद-पटियाला टूल प्लाजा हाइवे पर ट्रेक्टर ट्राॅली को नियंत्रित करने का प्रशिक्षण लिया। प्रदर्शनकारी किसानों ने टोल प्लाजा को मुफ्त घोषित कर दिया था। प्रशिक्षण ले रही एक महिला किसान ने कहा कि हम ट्रेक्टर परेड में भाग लेने के लिए ट्रेक्टर चलाने का प्रशिक्षण ले रहीं हैं। इसके बाद वे भी गांव में प्रशिक्षण देने का प्रयास कर रहीं हैं।

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