किसानों ने देशभर में जलाई कृषि बिल की प्रतियां
विशेष संवाददाता द्वारा
नई दिल्लीः दिल्ली के प्रमुख प्रवेश द्वारों सिंघु बार्डर, टिकरी बार्डर, कुंडली बार्डर, गाजीपुर बार्डर, चिल्ला बार्डर व शाहजहांपुर बार्डर पर आंदोलनरत किसानों ने पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार अनोखे तरीके से लोहडी का त्योहार मनाते हुए मोदी सरकार द्वारा जबर्दस्ती थोपे गये तीन कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर विरोध का इजहार किया। दिल्ली में आंदोलनरत किसानों के आहवन पर इसी प्र्रकार से पूरे देश में काले काननों के खिलाफ देशभर में नारे गूंजते रहे।
अबकी बार पंजाब के साथ पूरे देश ने लोहडी मनायी और आज लोहड़ी के मौके पर केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर इन कानूनों के प्रति अपना विरोध किया। अखिल भारतीय किसान सभा सहित भाकपा और अन्य राजनीतिक दलों और सैंकडों जन संगठनों ने देश के विभिन्न राज्यो में अनेक स्थानों पर प्रदर्शन किये और कानूनों की प्रतियां जलाईं। किसानों ने उनकी मांगें ना मानने को लेकर भाजपा नीत केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। वहीं किसान संगठनों के नेताओं ने संप्रीम कोर्ट की कमेटी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार जो चाहती है वही हो रहा है। उन्हें मालूम था कि कोर्ट जाकर कमेटी बनवाएंगे। हमें मालूम था कि कमेटी बनेगी कारपोरेट समर्थक लोगों से जो कारपोरेट के खिलाफ नहीं बोलेंगे।
देश के लगभग सभी राज्यों में विभिन्न स्थानों पर काले कानूनों की प्रतियां जलायी गयी।
दिल्ली
अखिल भारतीय किसान सभा और किसान संघर्ष मन्वय समिति के आह्वान पर भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी दिल्ली राज्य के जिलों में काले कानूनों की प्रतियां जलायी गयी। पूर्वी दिल्ली में भाकपा के राष्ट्रीय परिषद सचिव के नारायणा, पूर्वी दिल्ली जिला सचिव केहर सिंह, आल इंडिया यूथ फेडरेशन के अध्यक्ष आफताब आलम, एआईवायएफ दिल्ली राज्य सचिव शशि कुमार गौतम के अलावा अन्य साथी मौजूद थे सभी साथियों ने विनोद नगर डी ब्लाॅक में तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई और सभा की। इसी तरह सेन्ट्रल दिल्ली जिला, जामा मस्जिद, उर्दू बाजार में लोहड़ी के अवसर पर तीनो कृषि कानूनों की प्रतियाँ जलायी गई। इस अवसर पर भाकपा सेंट्रल दिल्ली जिला के जिला सचिव मोहमद इकराम, बबन कुमार सिंह, एडवोके बाजिन्दर सिंह मान आदि तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई और जनता को संबोधित किया।
विजयवाडा
संक्रान्ति के अवसर पर आन्ध्र प्रदेश के 13 जिलों में कृषि कानूनों की होली जलायी गयी। अनन्तपुर जिले में भाकपा जिला सचिव जगदीश, सह सचिव जफर और माकपा के नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। मंगलागिरि और विजयवाडा में राज्य सचिव के रामाकृष्णा, विजाग में पार्टी राज्य सह सचिव जेवीवी सत्यनारायण मूर्ति, कृष्णा जिले के गुंटूपल्ली में जल्ली विल्सन, राजमुंदरी में आर वैंकेया, कडप्पा जिले में राज्य सचिवमंडल सदस्य जी ईश्वरैया ने कृषि कानूनों को जलाने के कार्यक्रम में भाग लिया।
इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्य सचिव के रामाकृष्णा ने कहा कि दिल्ली में 48 दिनों से किसान हाडकंपाने वाली सर्दी में कारपोरेट समर्थक कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। अभी 45 से अधिक किसान अपनी जान की कुर्बानी दे चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी में चारो सदस्य काले कानून के पैरोकार हैं। रामकृष्णा ने कहा कि ऐसे में वे कैसे किसानों के साथ न्याय कर सकते हैं। उन्होंने काले कानूनों को फौरन वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार हरेक मुनाफा कमाने वाले उद्योगों का निजीकरण करके कारपोरेट हितों को साध रही है। आन्ध्र प्रदेश में मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी सरकारी आदेश 196, 197 और 198 के माध्यम से संपति कर में बेहिसाब बढोतरी कर रहे हैं। इससे राज्य की जनता के उपर 30 हजार करोड का अतिरिक्त बोझ पडेगा। रामकृष्णा ने केन्द्रीय कृषि कानूनों और राज्य के संपति कर आदेश को फौरन वापस लेने की मांग की।
नुजीवेडू में राज्य सचिवमंडल सदस्य अक्कीनेनी वनजा और सी वेंकट रामाराव, गुंटूर में जे अजय कुमार, चिना काकनी में अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य महासचिव केवीवीएस प्रसाद, विजयवाडा में शहर सचिव डी शंकर और महिला फेडरेशन की महासचिव पी दुर्गा भवानी, इलूरू में पश्चिमी गोदावरी जिला सचिव डी प्रभाकर, काकीनाडा में पूर्वी गोदावरी जिला सचिव टी मधू, बोब्बिली में विजयनगरम जिला सचिव ओमनी रमन्ना, नरसिम्पट्नम में विजाग जिला सचिव बी वेंकटरमन्ना, श्रीकाकुलम में जिला सचिव नरसिम्हुलू, तिरूपति में चितूर जिला सचिव रामानायडू, पाथीकोन्डा में किसान सभा के अध्यक्ष पी रामचन्द्रैया, पामूर में प्रकाशम जिले के सचिव एम एल नारायणा, रेट्टापल्ली नैल्लोर जिला सचिव सीएच प्रभाकर, कुरनूल में एआईवायएफ सचिव और अध्यक्ष जगनाथम और लेनिन बाबू, दोने में एआईएसएफ के सचिव और अध्यक्ष एमवी सुब्बाराव और रंगन्ना ने कार्यक्रमों का नेतृत्व किया।
सोनभद्र, उत्तर प्रदेश
बुधवार को वाराणसी शक्तिनगर राजमार्ग के बसुहारी मोड़ पर देश में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बैनर तले किसानों, मजदूरों ने कृषि बिल की प्रतियों को जलाकर सरकार की रवैया पर आक्रोश ब्यक्त करते हुए केन्द्र सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
झंडा, बैनर के साथ वाराणसी शक्तिनगर राजमार्ग पर प्रर्दशन करने के बाद बसुहारी मोड़ पर देश में चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए क्षेत्र के किसानों और नौजवानों ने अखिल भारतीय किसान सभा के नेता बु(ि सेन मिश्रा के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए नये कृषि कानूनों की कापी को जलाकर कृषि कानून पर विरोध जताया और सरकार के तानाशाहीपूर्ण रवैए का विरोध किया।
जहां उपस्थित लोगों ने किसान आंदोलन में शामिल अब तक शहीद हुए किसानों को नमन करते हुए उन्हें श्र(ांजलि दी और कृषि बिल को लेकर केंद्र सरकार की हटवादी नीतियों को जम कर कोसा। वक्ताओं ने कहा कि देश के अन्नदाता किसान है और इन्हीं अन्नदाताओं की इस सरकार में उपेक्षा की जा रही है, चल रहे आंदोलन में अब तक पांच दर्जन से अधिक वृ( और युवा किसानों ने अपनी शहादत दे दी है।
कार्यक्रम में मौके पर मौजूद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव आर के शर्मा ने कहा आज लोहड़ी व मकर-संक्रांति के अवसर पर किसानों, मजदूरों और नौजवानों को सड़क पर उतर कर सरकार की नीतियों का विरोध करना पड़ रहा है और सरकार द्वारा पारित कृषि कानून की कापियों को पुरे देश में किसान, मजदूर और युवा वर्ग जलाकर आक्रोश ब्यक्त कर रहे हैं और सरकार की हिटलरशाही नीतियों का खुलकर विरोध कर रहा हैं। ऐसे में हम मांग करते हैं कि तीनों कृषि कानून को तत्काल वापस लिया जाए, किसानों की फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की गारंटी तय किया जाए, न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दाम पर खरीद को गैर कानूनी घोषित किया जाए।
इस दौरान प्रमुख रूप से हरिकेश्वर जायसवाल, प्रेमचंद गुप्ता, नौजवान सभा के जिला सचिव दिनेश्वर वर्मा, संजय रावत, खेत मजदूर यूनियन के अमरनाथ सूर्य, बाबू खां, नागेंद्र कुमार वर्मा, सुनिल सोनी, शिव कुमार जायसवाल, बु(ि राम, सियाराम, कमला प्रसाद व बिसेसर आदि मौजूद रहे।
मवाना (मेरठ)
13 जनवरी को दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में उत्तर प्रदेश किसान सभा (मेरठ) के आह्वान पर स्वर्गीय कामरेड तेज सिंह जी की पावन भूमि ग्राम खेडकी जदीद में किसान संकल्प दिवस सभा का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों किसानों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर तीनों काले कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर अपना विरोध प्रकट किया।
सभा में उपस्थित संगठन के मंडलीय सचिव जितेन्द्र पाल सिंह जी ने कहा कि सरकार को जब डर लगता है तो किसानों के सामने पुलिस को खड़ा कर देती है और जब समाधान की बात आती है कि सुप्रीम कोर्ट को ढाल बनाती है हम सुप्रीम कोर्ट से फैसले का सम्मानकरते है किन्तु हम उस कमेटी का समर्थन नहीं करते क्योंकि वह चारों व्यक्ति इस काले कृषि कानून के पक्षधर रहे है। इसको लागू करने का सुझाव सरकार को इसी कमेटी के सदस्यों ने दिया था। संगठन के जिलामंत्री मनजीत सिंह बिल्लु ने कहा कि हम तब तक विरोध करते रहेंगे जब तक ये तीनों काले कानून निरसत नहीं हो जाते और आने वाली 26 तारीख को भारी संख्या में दिल्ली को कुच करेंगे। कार्यक्रम में संजीव वर्मा, परमानंद, जितेन्द्र पाल, तेजवीर सिंह, राजपाल शर्मा, ब्रह्म सिंह, सतेन्द्र कुमार, मनजीत सिंह उर्फ बिल्लु, धर्मपाल सिंह, जगत सिंह, उमेश कुमार, हरेन्द्र कुमार आदि किसान मौजूद रहे।
घोसी (मऊ)
अखिल भारतीय किसान सभा द्वारा राष्ट्रव्यापी कृषि संबंधी तीन काले कानूनों के खिलाफ अभियान के तहत उनकी प्रतियां जलाई गई। मऊ जनपद की घोसी तहसील के मानिकपुर असना गांव में किसानों ने प्रतियां जलायी। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश किसान सभा के मऊ जिला के मंत्री हाजी गुफरान अहमद एवं किसान नेता हिसामुद्दीन के नेतृत्व में किसान कानून की प्रतियां जलायी गयी।
बिलासपुर (छत्तीसगढ)
’किसान बिल के विरोध में किसान मजदूर महासंघ एवं हम भारत के लोग संगठन बिलासपुर के अनिश्चित कालीन किसान आंदोलन के 24 दिन पर आज लोहड़ी पर्व के अवसर पर दिल्ली के आव्हान पर तीनों किसान कानूनों का दहन कर नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया गया।’
इस अवसर पर किसान आंदोलन के संयोजक श्याम मूरत कौशिक ने कहा कि हम तीनों किसान बिल का विरोध बिल वापस होने तक करेंगे साथ ही सरकार के साजिशों का पर्दाफाश करेंगे, एटक नेता पवन शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सहारे किसान आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया गया है जो अमान्य है, टीयूसी नेता पी आर यादव ने कहा कि विश्व की सभी क्रांतियां किसान मजदूर आन्दोलन से ही हुई है और यही आंदोलन भारत में हो रही है जिसमें सभी को भागीदारी करनी चाहिए, किसान नेता नंद कश्यप ने कहा कि ये तीनों बिल उद्योगपतियों के दबाव में लाये गये हैं तथा जो सुप्रीम कोर्ट की कमेटी में 4 सदस्य शामिल है वो चारों किसान बिल के समर्थक हैं अतः इसमें बहुत बड़ी साजिश है, किसान नेता अंबिका कौशिक ने कहा कि मोदी देश के किसानों को बर्बाद करने के लिए तथा आरएसएस के जातिवादी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए ये बिल लाया है पंजाबी सिख समाज के सरदार रणदीप सिंह खनूजा ने कहा कि आज पूरा देश का सिख समाज लोहड़ी पर्व इस अहंकारी मोदी सरकार के कारण सड़क में मना रहा है और हम इस लोहड़ी पर्व पर तीनों बिलो का दहन कर रहे है। डाॅ. अशोक शिरोते ने कहां कि ये तीनों बिल भारत के किसान एवम् मेहनत कश मजदूरों को उद्योगपतियों के हाथ का खिलौना बनाने के लिए लाये गये हंै और सुप्रीम कोर्ट के सहारे इसे समाप्त करने की कोशिश की जा रही है। सामाजिक कार्यकर्ता संजीत बर्मन ने कहां कि इन सबका मुख्य कारण है कि हमारे किसान मजदूर लोगों को शिक्षा से दूर रखा गया है और दूर रखने की कोशिश हो रही है, महिला नेत्री श्रीमती आशा सुबोध ने कहा कि हम मोदी सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए किसान बिल के वापस होने तक आंदोलन जारी रखेंगे। आज की सभा को सालिक राम यादव, श्याम पटेल, सुरेश टंडन पार्षद सहित अन्नपूर्णा ध्रुव, पूजा प्रजापति, प्रमोद नवरत्न अजय राय, सूर्यकांत निर्मल कर एवम् धीरज कुमार शर्मा ने भी संबोधित किया।
प्रदर्शन में पार्षद श्याम पटेल, पार्षद सुरेश टंडन, कविता कोल, सरनब सोनी, माहीं धीवर, परवीन खान, विजय लता सोनी, शिव सारथी सहित अनेक लोग उपस्थित थे।