काल चक्र

विचार—विमर्श

इंसान पूजे जाते हैं
क्योंकि वह रहस्यो से भरे हुए हैं ।
जिस दिन सारे रहस्य
खत्म हो जाएंगे ,
उस दिन से एक
नई खोज शुरू होगी।

प्रकृति के रहस्य
उजागर हो जाएंगे।
पेड़ों का बढ़ना ,
झरने का गिरना ,
सागर की गहराई ,
आसमा की ऊंचाई ,
ब्रह्मांड का रहस्य,
सृष्टि का नियम,
अप्रत्याशित बदलाव आएगा।

जिस दिन सारे रहस्य
उजागर हो जाएंगे।
स्त्री का मन ,
ऋषियों का मोन ,
खुली किताब बन जाएंगे।

फिर से सृष्टि का जन्म होगा।
फिर से अंकुर फुटेंगे ,
फिर मानव देव कहलाएगा।
काल का चक्र
ना रुका है
ना रुकेगा कभी
काल चलता जाएगा।

फिर से इतिहास
अपने आपको दोहराएगा।
फिर से वेद , उपनिषद
महाकाव्य लिखे जाएंगे।

एक बार फिर हाहाकार मचेगा।
एक बार फिर,
अवतारों का दौर चालू होगा।
फिर से नरसंहार होगा,
एक बार फिर
महाभारत रची जाएगी।

फिर से दस सिर वाला
शिव भक्त रावण पैदा होगा ।
फिर से सीता का हरण होगा
एक बार फिर विष्णु अवतारी
राम इस धरती पे अवतार लेंगे।

फिर से गद्दी के लिए
पिता का कत्ल होगा।
फिर से भाई ,भाई
गद्दी के लिए
एक दूसरे का प्यासा होगा।

फिर से प्रेम कहानियां
दोहराई जाएगी।
फिर से कृष्ण सुदामा की
दोस्ती मिसाल बनेगी ।
फिर से फरहाद ,सिरी के लिए
दरिया पार करेगा।

सब कुछ फिर से दोहराया जाएगा
जिस दिन सारे रहस्य
खत्म हो जाएंगे
कालचक्र खुद को दौहरायेगा

कमल राठौर साहिल
शिवपुर मध्य प्रदेश

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