एनएफआईडब्ल्यू नेत्रियों पर दर्ज केस से महिला संगठनों में रोष
देशभर में गूंजी विरोध की आवाजें
राम नरसिम्हा राव
विभिन्न महिला संगठनों की राज्य नेताओं ने राज्य सरकार से एनएफआईडब्ल्यू नेताओं के खिलाफ दर्ज किये आपराधिक मामलों को वापस लेने की मांग की। इस मुद्दे पर रविवार को हिमायतनगर के राजबहादुर गाॅड हाॅल में एक गोलमेज बैठक की। इस बीच कई केंद्रों पर विरोध प्रदर्शन हुए और राज्य सरकार से मामले वापस लेने का आग्रह किया गया।
दिल्ली में शुक्रवार को एनएफआईडब्ल्यू की राष्ट्रीय महासचिव एनी राजा, एनएफआईडब्ल्यू की दिल्ली राज्य सचिव दीप्ति भारती, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डाॅ. के रजनी के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने भाकपा कार्यालय से तेलंगाना भवन तक जुलूस निकाला और तेलंगाना राज्य सरकार को चेतावनी दी कि अगर मामले वापस नहीं लिए गए तो पूरे देश में आंदोलन तेज कर दिया जाएगा। खम्मम में पोटू कलावती, अकुरी लता देवी, कोठागुडेम में रत्ना कुमारी, लक्ष्मी और निर्मला, वारंगल ग्रामीण में, मंडा सदालक्ष्मी, और कविता, भूपालपल्ली में कोरिमी सुगुना, भोंगीर, जंगम्मा मेडचल में, गिरिजा, मुलुग में शोभा और पद्मा ने सूर्यापेट में उस्ताला श्रुजाना राज्य अध्यक्ष मल्लेश्वरी और जिला महासचिव एनएफआईडब्ल्यू ने प्रदर्शन में भाग लिया।
उन्होंने धरना देने के बाद सभाओं को संबोधित किया और रसोई गैस सिलेंडर में कीमतों में बढ़ोतरी का विरोध करने वाली महिला नेताओं के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की मांग की। राज्य सरकार ने प्रतीकात्मक विरोधस्वरूप हुसैन सागर में गैस सिलेंडर फेंकने पर क्रमशः धारा 341, 277, 278, 290, आर/डब्ल्यू 34, आईपीसी के तहत सुजना, ज्योति, राज्य अध्यक्ष और महासचिव, और कृष्णा कुमारी शहर अध्यक्ष, एनएफआईडब्ल्यू पर मामले दर्ज किए हैं। एनएफडब्ल्यू नेताओं ने राज्य सरकार को यह भी चेतावनी दी है कि यदि मामले वापस नहीं लिए गए तो एनएफडब्ल्यू के पास संयुक्त जनांदोलन शुरू करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होगा और इसे और तेज किया जाएगा। इस बीच, महिला एमपीडीओ पर अपनी अश्लील टिप्पणी के लिए मंत्री की माफी की मांग करते हुए डाकघर के पास वारंगल शहर में रास्ता रोको आयोजित किया गया।
हैदराबाद में एक गोलमेज बैठक आयोजित की गई, जिसे डाॅ. के. रजनी, राष्ट्रीय सचिव, एनएफआईडब्ल्यू, उस्ताला श्रुजाना और नेदुनुरी ज्योति, क्रमशः राज्य अध्यक्ष और महासचिव, एनएफआईडब्ल्यू, संध्या, राष्ट्रीय नेता, पीओडब्ल्यू, देवी, सामाजिक कार्यकर्ता, और वर्किंग वूमेन फोरम की राज्य नेता प्रेम पावानी ने संबोधित किया। संबोधित करने वालों में तेलुगु महिला राज्य नेता ज्योत्सना, कृष्णाकुमारी राज्य उपाध्यक्ष एनएफआईडब्ल्यू, बंडारू विजया, लेखक, भार्गवी, वर्षा, युवा नारीवादी और एनएफआईडब्ल्यू की राज्य संयुक्त सचिव जे. लक्ष्मी और ग्यारा यदम्मा भी शामिल थीं। अध्यक्षता उस्ताला श्रुजाना ने की।
गोलमेज बैठक में रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि का पुरजोर विरोध करने वाली एनएफआईडब्ल्यू राज्य नेताओं पर आपराधिक मामले दर्ज करने के लिए राज्य सरकार की कड़ी निंदा की गई। गोलमेज बैठक में मरियम्मा की लाॅकअप में मौत पर राज्य मंत्री इराबेली दयाकर राव की महिला एमपीडीओ पर अवांछित टिप्पणियों का विरोध करते हुए गोलमेज बैठक में कमला नेहरू महिला पाॅलिटेक्निक काॅलेज को बंद करने के निर्णय को वापस लेने की मांग की गयी। गोलमेज बैठक में निर्दयता से नौकरी से बर्खास्त नर्सों के संघर्ष के प्रति भी एकजुटता व्यक्त की गयी।
डाॅ. के रजनी, राष्ट्रीय सचिव, एनएफआईडब्ल्यू ने बैठक को संबोधित करते हुए राज्य सरकार पर सवाल उठाया कि गणेश विसर्जन के समय हुसैन सागर का पानी प्रदूषित नहीं हुआ था? एक ही खाली सिलेंडर फेंकने से क्या यह प्रदूषित हो गया।? रजनी ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि अगर मामले वापस नहीं लिए गए तो पूरे राज्य में आंदोलन तेज कर दिया जाएगा। उन्होंने महिला एमपीडीओ पर अश्लील टिप्पणी करने वाले मंत्री से माफी की भी मांग की।
पीओडब्ल्यू की राष्ट्रीय नेता संध्या ने संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार सबसे अक्षम है जो केंद्र सरकार के खिलाफ नहीं लड़ सकती है जिसने गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी की है। महिला एमपीडीओ पर मंत्री की अश्लील टिप्पणी सबसे अवांछित है, अगर उन्होंने माफी नहीं मांगी तो राज्य के लोग उन्हें उचित सबक सिखाएंगे। उसने यह भी मांग की है कि मरियम्मा की लाॅकअप में मौत के लिए जिम्मेदार पुलिस कर्मियों पर एससी-एसटी अत्याचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
सामाजिक कार्यकर्ता देवी ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र और राज्य दोनों सरकारें मिलकर पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस सिलेंडर और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी कर रही हैं। आपराधिक मामले दर्ज कर वेतन वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शनकारियों की आवाज का गला घोंटा जा रहा है।
वर्किंग वूमेन फोरम ;एटकद्ध की राज्य नेता प्रेम पावानी ने संबोधित करते हुए कहा कि इसका श्रेय टीआरएस सरकार को जाता है जिसने धरना चैक पर प्रतिबंध लगा दिया है और प्रदर्शनकारियों को पुलिस राज द्वारा धमकी दी जा रही हैं। पावनी ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि हम वापस नहीं जायेगें और वास्तविकता यह है कि आंदोलन को तेज किया जायेगा।
तेलगू महिला की राज्य नेता ज्योत्सना ने कहा कि राज्य सरकार असहमति का गला घोट रही है। सरकार को इसके लिए जनता उपयुक्त सबक सिखायेगी।
एनएफआईडब्ल्यू की राज्य महासचिव एन. ज्योति ने संबोधित करते हुए टिप्पणी की कि सरकार प्रदर्शनकारियों पर कई मामले दर्ज कर सकती है लेकिन आंदोलन को रोका नहीं जा सकता और यह ऐसी सरकारों के लिए कब्रिस्तान तैयार होंगे। कृष्णाकुमारी प्रदेश उपाध्यक्ष, एनएफआईडब्ल्यू ने संबोधित करते हुए सरकार से सवाल किया है कि यदि मृतक मरियम्मा के परिवार को मुआवजा दिया जाता है, तो क्या न्याय होगा? उसकी लाॅकअप मौत के लिए जिम्मेदार पुलिस कर्मियों पर हत्या के मामले दर्ज किए जाएं। महिला आयोग को मंत्री की टिप्पणियों का जवाब देना चाहिए और राज्य मंत्री के खिलाफ कदम उठाना चाहिए।