उदयपुर में यूज़्ड पैक्स के संग्रहण एवं रिसाईक्लिंग के लिए अपनी तरह का अलग सतत मॉडल
उदयपुर। दुनिया की अग्रणी फूड प्रोसेसिंग एवं पैकेजिंग समाधान कंपनी, टेट्रापैक ने उदयपुर में कार्टन पैकेजेस का संग्रहण बढ़ाने के लिए प्रसिद्ध सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एनजीओ, फिनिश सोसायटी के साथ साझेदारी की है।
इस सहयोगात्मक प्रयास के तहत, फिनिश सोसायटी उदयपुर के नगर निगम के साथ मिलकर काम करेगी और निगम के छंटाई केंद्रों से जूस/दूध आदि के यूज़्ड पैक लेकर उन्हें नज़दीकी रिसाईक्लर्स के पास भेज देगी।
इस नई साझेदारी के साथ राजस्थान टेट्रापैक के विस्तृत कलेक्शन नेटवर्क की मौजूदगी वाला 22 वां राज्य प्रांत बन गया है।
यह नेटवर्क 38 शहरों और भारतीय सेना की 14 टुकड़ियों तक फैला है और इसे 22 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रांतों में 26 से ज्यादा कलेक्शन एवं अवेयरनेस पार्टनर्स का सहयोग प्राप्त है।
उदयपुर अत्यधिक विज़िबिलिटी वाला पर्यटन केंद्र है और इसीलिए यहां पर कार्टन की खपत बहुत ज्यादा है। इसी समय, यह 10,000,00 से कम नागरिकों के साथ राजस्थान के स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के तहत शहरों में पहले स्थान पर आया है।
टेट्रा पैक एवं फिनिश सोसायटी कचरा बीनने वाले समुदाय के बीच जागरुकता बढ़ाने पर केंद्रित होगी और उन्हें बताएगी कि वो यूज़्ड बेवरेज कार्टन एकत्र कर उन्हें रिसाईक्लर को बेचकर कितना फायदा कमा सकते हैं। साथ ही यह अभियान उपभोक्ताओं के बीच अपने चारों ओर के वातावरण की स्वच्छता एवं पर्यावरण पर कचरे के पृथकीकरण एवं रिसाईक्लिंग के सकारात्मक प्रभाव के बारे में जागरुकता बढ़ाएगा।
इस अभियान द्वारा एकत्रित किए ग यूज़्ड कार्टन नजदीकी रिसाईक्लर-खातेमा फाईबर्स लिमिटेड को भेजे जाएंगे, जो उत्तराखंड में स्थित स्थानीय पेपर मिल तथा 2013 से टेट्रा पैक की रिसाईक्लिंग पार्टनर है। इस अभियान के बारे में जयदीप गोखले, सस्टेनेबिलिटी डायरेक्टर, टेट्रा पैक साउथ एशिया ने कहा,‘टेट्रा पैक कार्टंस पेपर-बेस्ड, रिसाईक्लेबल हैं, एवं समान फूड उत्पादों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सभी पैकेजिंग सामग्री में इसका कार्बन फुटप्रिंट सबसे कम है।
इसलिए जब हम कार्टन की पैकेजिंग चुनते हैं, हम एक सकारात्मक विकल्प चुन रहे होते हैं। और जब हम अपने कचरे से यूज़्ड कार्टन अलग करते हैं, तो हम कचरा बीनने वालों के लिए अतिरिक्त आय सुनिश्चित करते हैं तथा यूज़्ड कार्टन अनेक उपयोगी सामान, जैसे बेंच, डेस्क, बिन, रूफिंग शीट्स आदि में रिसाईकल हो जाते हैं।
पिछले 17 सालों में, हमने देश में अपने कलेक्शन एवं रिसाईक्लिंग ईकोसिस्टम का विस्तार किया है और आज भारत में बेचे जाने वाले 40 प्रतिशत से ज्यादा कार्टन रिसाईकल किए जाते हैं। हम राजस्थान में काम करने के लिए उचित साझेदार तलाश रहे थे और वह साझेदार हमें फिनिश सोसायटी में मिला।
हम मिलकर एक स्वच्छ उदयपुर का निर्माण करने में मदद करने के लिए आशान्वित हैं।’’ फिनिश सोसायटी के सौरभ अग्निहोत्री ने कहा,‘समय की जरूरत है कि पूरे कचरे को एकत्रित कर उसे रिसाईकल किया जाए और फिर उसे एक संसाधन में तब्दील किया जाए। हम एक तरफ तो इन पैकेजेस की रिसाईक्लेबिलिटी के बारे में जागरुकता बढ़ाएंगे, तो दूसरी तरफ सभी रजिस्टर्ड शॉप्स, जूस सेंटर्स एवं अन्य आसान पहुंच वाली जगहों पर ‘ड्रॉप ऑफ प्वाईंट’ स्थापित करेंगे, जहां उपभोक्ता अपने यूज़्ड कार्टन आसानी से जमा कर सकेंगे।
लेकिन हमारे काम का मुख्य केंद्रण कचरा बीनने वाले समुदाय को कचरे से मिलने वाली आय और घरेलू आय बढ़ाने में इसकी भूमिका के बारे में शिक्षित करने पर होगा। हम सबसे आगे रहकर नेतृत्व करने के लिए टेट्रापैक के आभारी हैं और उदयपुर के नगर निगम को उनके निरंतर सहयोग के लिए धन्यवाद देते हैं।’’
टेट्रापैक कार्टन कागज से बने और रिसाईक्लेबल होते हैं। अपने साझेदारों के साथ टेट्रापैक देश में 17 सालों से कार्टन पैकेज रिसाईक्लिंग सिस्टम को मजबूत कर रहा है। यूज़्ड कार्टन पैकेजेस को एकत्रित कर विभिन्न सामग्री, जैसे पेपर, वाटरप्रूफ पॉली एलुमीनियम या पैनल बोर्ड्स में रिसाईकल किया जाता है, जिससे फिर उपयोगी सामान जैसे वंचित स्कूलों के लिए क्लासरूम फर्नीचर, रूफिंग शीट्स, नोटबुक्स, कमर्शियल वाहनों के लिए सीट एवं बैकरेस्ट आदि बनाई जाती हैं। उदयपुर में काम शुरू करने के साथ आज टेट्रापैक का कलेक्शन नेटवर्क 22 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रांतों तक पहुंच गया है। इस नेटवर्क को देश में 26 कलेक्शन एवं अवेयरनेस पार्टनर्स और 4 रिसाईक्लर्स का सहयोग है।